2008 में, विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद ज्वालामुखी में थुरल निर्वाचन क्षेत्र जो कि आज जयसिंहपुर है से कट कर आठ पंचायतें मिलीं। व देहरा नगर पंचायत और कथोग से आगे व पाईसा का हिस्सा ज्वालामुखी से कट गया। ज्वालामुखी अब डोहग देहरियां से लेकर कथोग व भड़ोली कोहाला से दरीण तक की 23 पंचायतें और खुंडियां तहसील की 19 पंचायतों तक सिमित रह गया है। इलाका चंगर व बलिहार दो भागों में बंटा है। चंगर खुंडिया तहसील का हिस्सा है। जबकि बलिहार निचला इलाका है। जो दरीण ,सुंधंगल सिल्ह ,भड़ोली कोहाला से लेकर डोहग देहरियां व कथोग तक है। कांग्रेस यहां से दो ही बार चुनाव जीत सकी है। डिलिमिटेशन के बाद यहां राजपूत मतदाताओं की तादाद बढ़ी है।