जिन मां-बाप ने पैदा किया, अच्छी परवरिश की, जिन्होंने कदमों पर खड़ा किया और जिन्होंने अपने बच्चों में अपने बुढ़ापे का सहारा ढूंढा। उन मां-पिता के अहसानों को भुला देने वाले कपूतों की भी कमी नहीं है। कई बार तो ऐसा भी देखा गया है, कि कुछ ने तो अपने बुज़ुर्ग (Oldage People) (Old Peoples Rights) मां-बाप को ही सड़कों पर ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं, भारतीय कानून (Indian Laws) ऐसे बुजुर्गों के अधिकारों (Rights of Senior Citizens) (Senior Citizens Rights) की भी रक्षा करता है। ऐसे में अगर बुर्ज़ुगों के साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार किया गया या फिर उन्हें बेसहारा छोड़ा गया, तो भी उन्हें घबराने की ज़रूरत नहीं। चलिए आपको बताते हैं, कि अगर ऐसा हुआ तो फिर आप अपना हक कैसे हासिल कर सकते हैं और इसके लिए भारतीय दंड संहिता में कैसे-कैसे प्रावधान दिए गए हैं (Maintenance And Welfare of Parents Act 2007) ।
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