52 शक्तिपीठों में से एक मां हरसिध्दि देवी
राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की आराध्य देवी हैं मां
हरसिद्धि के परम भक्त थे सम्राट विक्रमादित्य माता
हर 12 साल में माता के चरणों में अर्पित करते थे अपना सिर
माता की कृपा से मिल जाता था नया सिर
12वीं बार सिर चढ़ाने पर वह फिर नहीं आया वापस
आज भी मंदिर के एक कोने में 11 सिंदूर लगे मुंड पड़े हैं
मान्याताओं के मुताबिक यह विक्रमादित्य के कटे हुए मुंड हैं