Sindoor Tritiya 2022 : सिन्दूर तृतीया क्यों मनाई जाती है । Sindoor Tritiya Kyu Manayi Jati Hai।

Boldsky 2022-09-27

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पितृपक्ष शुरू होने के बाद और नवरात्रि के प्रारंभ में ही जो अमावस्या आती है उसे महालया कहा जाता है और इसी दिन से देवी आदि शक्ति की पूजा शुरू करने का दिन माना गया है। यूं तो नवरात्रि के छठे दिन से बंगाल राज्य में देवी के पंडाल सजाने शुरू हो जाते हैं लेकिन नवरात्रि के तीसरे दिन की महत्ता भी कम नहीं है। सिंदूर तृतीया शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन यानि हिन्दू पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि के दिन मनायी जाती है। यह दिन देवी के नौ रूपों में से तीसरा देवी मां चंद्रघंटा का होता है।


The new moon that comes after the beginning of Pitrupaksha and at the beginning of Navratri is called Mahalaya and from this day is considered to be the day to start the worship of Goddess Adi Shakti. Although from the sixth day of Navratri, the Goddess's pandals start decorating in the state of Bengal, but the importance of the third day of Navratri is not less. Sindoor Tritiya is celebrated on the third day of Shardiya Navratri i.e. Tritiya Tithi according to the Hindu calendar. This day is dedicated to Goddess Chandraghanta, the third of the nine forms of the Goddess.

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