हनुमान जी की आरती : सुबह शाम जिस घर में हनुमान जी की आरती सुनी जाती है वंहा कभी धन की कमी नहीं होती

Hanuman Bhakti 2022-09-26

Views 60

हनुमान जी की आरती : सुबह शाम जिस घर में हनुमान जी की आरती सुनी जाती है वंहा कभी धन की कमी नहीं होती | भगवान हनुमान जी कलिकाल में शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव है। हनुमान जी अपने भक्तों पर आने वाले तमाम तरह के कष्टों और परेशानियों को दूर करते हैं। हनुमान जी की पूजा बाधाओं को दूर करने सहायक होती है। भगवान हनुमान जी को बल और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। रामायण में भी भगवान हनुमान को अहम स्थान दिया गया है। जो व्यक्ति रोजाना सच्चे मन से आरती करता है उससे बजरंगबली प्रसन्र होते हैं।

Listen to some of our popular Hanuman Bhajan, Mantra, Chalisa And Aarti
(1) Bajrangi Sotte Wala Bhajan|
https://youtu.be/yHXkaCYdvzU
(2) Sita Ram Bol Re Bhajan |
https://youtu.be/zK4nhl86Lsc
(3) New Hanuman Chalisa |
https://youtu.be/wquVRBaDvl8
(4) New Hanuman Aarti |
https://youtu.be/U5OrPRi8juw
(5) Hanuman Chalisa,Amritwani |
https://youtu.be/WGpJKV0F5Vk

आप सभी भक्तों से अनुरोध है कि आप @Hanuman Bhakti के इस YOUTUBE चैनल को SUBSCRIBE करें और भजनो का आनंद ले अन्य भक्तों के साथ हमारी वीडियो को Share ज़रूर करें।।

Subscribe to our channel for more @Hanuman Bhakti :-
https://www.youtube.com/c/HanumanBhakti
Follow us on Facebook for regular updates of shiv bhajan:-
https://www.facebook.com/HanumanBhakti1/
Follow us on Instagram for regular updates of shiv bhajan:-
https://www.instagram.com/officialhanumanbhakti/

Aarti kije hanuman lala ki lyrics in hindi,
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके
अनजानी पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे
पैठी पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई
जो हनुमान जी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS