एक तरफ सरकारी मशीनरी लम्पी त्वचा रोग से गोवंश को बचाने में फेल हो रही है। वहीं, दूसरी ओर लोग एकजुट होकर गायों को बचाने में लगे हुए हैं। किसी ने क्वॉरंटीन सेंटर खोल दिया तो किसी ने औषधीय लड्डू बनाकर गायों को देना शुरू कर दिया। अब आश्रयहीन गायों को सहारा मिल रहा है।