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पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर करमा और शैला नृत्य की प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया। मंच पर बैठे अतिथि और दर्शक दीर्घा में उमड़ी भीड़ भी खुद को रोक नहीं सकी। सुर और ताल देते हुए उनके कदम भी थिरकने लगे। मौका था करमा महोत्सव का। सेवा समर्पण संस्थान की ओर से सोनभद्र के बागेसोती गांव (जउआजोत) स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में परंपरागत आदिवासी संस्कृति की झलक दिखी। पुरातन संस्कृति को सहेजने के लिए अतिथियों ने आदिवासी समाज की सराहना की। मुख्य अतिथि जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गणेश राम भगत ने कहा कि आदिवासी आज भी परंपरागत व भारतीय आदिवासी संस्कृति को कायम रखे हुए हैं।