सड़कों पर घूमने वाले मूक बेजुबान श्वानों की पीड़ाए विवशता और लाचारी को दिल से महसूस करने वालों में कोटा की बेटी सोनल गुप्ता भी है। जिस उम्र में लोग नौकरी पाने के लिए चक्कर लगाते हैंए उस उम्र में इस बेटी ने सड़कों पर घायल पड़े श्वानों का इलाजए देखरेख करके उन्हें एक नया ज