आतंक के खिलाफ लड़ाई का ढोंग करने वाला पाकिस्तान (Pakistan) एक बार फिर पूरी तरह से नाकाम हो गया है. नौशेरा सेक्टर (Nowshera Sector) से पकड़े गए आतंकी ने पाकिस्तान की काली करतूतों का चिट्ठा एक बार फिर जगहजाहिर कर दिया है.
आतंकी ने अपने कुबूलनामे में क्या कहा?
दरअसल पकड़े गए आतंकी तबारक ने अपने कुबूलनामा में बताया कि उसके साथ 4 से 5 आतंकी हथियारों के साथ आए थे. उसने बताया कि उसके पिता का नाम मलिक है और वे 6 भाई-बहन है. उसने अपने गांव का नाम सब्जकोट बताया और कहा कि उसका गांव LoC से 2 से 3 किमी दूर है. उसने बताया कि उसे पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी और उसे व उसके साथियों को दहशत फैलाने के लिए हिंदुस्तान भेजा गया था.
आतंकी को पाकिस्तानी आर्मी के कर्नल ने भारत भेजा था
फिदायीन आतंकी ने बताया कि उसे हिंदुस्तान भेजने वाले का नाम चौधरी यूनिस और वह पाकिस्तान आर्मी में है. आतंकी ने खुलासा किया कि उसे झंगर बॉर्डर पर भारतीय सैन्य पोस्ट पर फिदायीन हमला करने के लिए भेजा गया था. कैमरे के सामने तबारक हुसैन के हर शब्द ने पाकिस्तान और उसकी सेना के आतंकी इरादे का पर्दाफाश कर दिया है. फिदायीन आतंकी ने और भी कई खुलासे किए हैं.
21 अगस्त को नौशेरा सेक्टर से पकड़ा गया था आतंकी
बता दें कि पकड़ा गया आतंकी तार काटकर भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहा था. लेकिन 21 अगस्त को नौशेरा सेक्टर से उसे गिरफ्तार कर लिया गया. इस जिंदा पकड़े गए आतंकी ने बाजवा की सेना और ISI की पूरी पोल खोलकर रख दी है. उसने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी और ISI के स्कूलों में दहशतगर्दी का पाठ पढ़ाया जाता है.
हमला करने के लिए मिले थे 30 हजार रुपये
पाकिस्तान के हालात ऐसे है कि हर काम के लिए उसे दुनिया के सामने हाथ फैलाना पड़ता है. पाक सरकार फंड जुटाने के लिए दानदाता सम्मेलन बुला रही है. लेकिन तमाम घरेलू परेशानियों के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.उसकी सेना भारत के खिलाफ लगाताक साजिश रच रही है.उसी पाक आर्मी के कर्नल के इशारे पर तबारक हुसैन भारत में दाखिल हुआ था. आतंकी तबाकर ने बताया कि उसे हमला करने के लिए 30 हजार रुपये दिए गए थे और कहा गया था थी पार जाकर उन्हें मार डालो.
आतंकी पहले भी रेकी करने के लिए 2016 में भारत आया था
गौरतलब है कि इससे पहले तबारक हुसैन 2016 में भारत आया था.तब उसने कई भारतीय पोस्ट की रेकी की थी. रेकी करने के बाद वह वापस पाकिस्तान लौट गया. यहां उसे ISI ने ट्रेनिंग दी. इसके बाद तबारक 21 अगस्त को अपने 5-6 साथियों के साथ भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था. लेकिन भारतीय फौज की नजर इन पर पड़ गई और फिर जमकर गोलीबारी भी हुई जिसमें तबारक हुसैन के पैर में और कंधे में गोली लगी जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन उसके साथी अंधेर का फायदा उठाकर भाग निकले. फिलहाल उसका रजौरी में इलाज चल रहा है.
भारतीय सेना ने क्या कहा?
वहीं भारतीय सेना ने दावा किया है कि पकड़े गए आतंकी का नाम तबारक हुसैन है जो कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कोटली जिले के सब्जकोट इलाके का रहने वाला है. पूछताछ में तबारक हुसैन ने यह कुबूला है कि वह भारतीय सेना की एक फॉरवर्ड पोस्ट को निशाना बनाने आया था. तबारक ने सेना को यह भी बताया कि उसे भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कर्नल युनुस चौधरी ने भेजा था और उसे इस काम के लिए 30000 दिए गए थे. उसने सेना को यह भी बताया कि उसके साथ जो दो आतंकी घुसपैठ आए थे उन्होंने भारत और फॉरवर्ड पोस्ट की कई बार रैकी की है.