2030 तक भारत को कुपोषण से मुक्त करना है.. संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुल 17 गोल तय किए हैं जिन्हें 2030 तक हासिल किया जाना है.. दूसरे देशों के साथ भारत ने भी 2015 में गोल को अचीव करने का संकल्प लिया है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के तहत 2020 से इस टारगेट को पूरा करने का काम शुरू हुआ है.. मगर ये क्या हो सकेगा। मप्र जो कि कुपोषण के मामले में देश में अव्वल है यहां तो ऐसा कुछ नजर नहीं आता कि सरकार गंभीरता से इसपर काम कर रही है। कोई बच्चा कुपोषित है ये कैसे पता चलता है... इसके लिए आंगनबाड़ियों में वजन और लंबाई की जांच करने के लिए उपकरण होते हैं आपको जानकर ये हैरानी होगी कि मप्र में आंगनबाड़ी केंद्रों को दी गई ढाई लाख मशीनों में से डेढ़ लाख मशीने तो खराब ही पड़ी है..