Ujjain. वैसे तो धार्मिक नगरी उज्जैन काफी प्राचीन नगरों में से एक है....जहां इस शहर की धार्मिक मान्यताएं अपने आप में कई सारी मान्यताएं समेटे हुए है...वहीं महाकालेश्वर मंदिर के ठीक ऊपर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर भी कई रहस्यों से परिचित कराता है...यह दुनिया में एक मात्र ऐसा मंदिर है...जो साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है...जानकारों का कहना है कि...इस मंदिर में भगवान नागचंद्रेश्वर की जो प्रतिमा है...वह 11वीं शताब्दी की है....साथ ही ऐसी मान्यता है कि...नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में तक्षक नाग स्वयं मौजूद रहते हैं...इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं...कहते हैं यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी....उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है...पूरी दुनिया में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है...जिसमें विष्णु भगवान की जगह भगवान भोलेनाथ सर्प शय्या पर विराजमान हैं....मूर्ति में शिवजी, गणेशजी और मां पार्वती के साथ दशमुखी सर्प शय्या पर विराजे हुए हैं....शिवशंभु के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए हैं....