गोरखपुर वासियों का राममढ़ताल मुंबई के जुहू चौपाटी से कम नहीं है। यह शहर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर 1700 एकड़ क्षेत्र में फैला रामगढ़ताल प्रकृति की अनुपम भेंट है। ईसा पूर्व छठी शताब्दी में गोरखपुर का नाम रामग्राम था। यहां कोलीय गणराज्य स्थापित था। उन दिनों राप्ती नदी आज के रामगढ़ताल से ही होकर गुजरती थी। बाद में राप्ती नदी की दिशा बदली तो उसके अवशेष से रामगढ़ताल अस्तित्व में आ गया। रामगढ़ ताल पूर्वांचल का मरीन ड्राइव बन चुका है। इसकी छटा देखने के लिए दूर-दूराज से पर्यटक आते हैं। लाइट एंड साउंड शो के साथ शाम ढलते ही ताल का नजारा अद्भुत होता है। नौकायन व वाटर स्पोर्ट्स ने इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिया है।