महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक बारिश ने गदर मचा दिया है। महाराष्ट्र का नासिक हो या फिर गुजरात का नवसारी.. हर तरफ तबाही की तस्वीर पसरी है। लेकिन आज हम भारत की बात में सवाल पूछ रहे हैं कि बर्बादी का जो मंजर देश के सामने मौजूद है वो सिर्फ कुदरत का क्रोध है.. या फिर इंसानी गलतियों और नाकाफी तैयारियों का नतीजा। तबाही का ग्राफ हर साल ऊपर उठता चला जा रहा है और उसके मुकाबले हमारी तैयारियां बौनी साबित पड़ती जा रही हैं। संतुलन बनाने के लिए तबाही और तैयारी के बीच की खाई पाटनी होगी वरना बर्बादी के मंजर ही नियति बन जाएंगे।