महाराष्ट्र में सियासी संकट पर सुनवाई शुरू हो गई है. शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने SC में याचिका दाखिल की है. शिवसेना की तरफ से पेश हुए सिंघवी ने कहा कि कोर्ट ने अयोग्यता के मसले पर 11 जुलाई के लिए सुनवाई टाली है. उससे पहले फ्लोर टेस्ट करना पूरी तरह गलत है. स्पीकर के फैसले से पहले वोटिंग नहीं होनी चाहिए. उनके फैसले के बाद सदन में सदस्यों की संख्या बदलेगी. सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल को अनुच्छेद 361 के तहत अदालती कार्रवाई से अलग रहने की छूट दी गई है. लेकिन यह कोर्ट को राज्यपाल के आदेश की समीक्षा करने से नहीं रोकता है. स्पीकर को विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने से नहीं रोका जाना चाहिए. यह निर्णय होने तक फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए. सिंघवी अब उत्तराखंड और शिवराज सिंह चौहान जैसे मामलों में आए फैसलों का हवाला देते हुए बता रहे हैं कि स्पीकर को विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने से नहीं रोका जाना चाहिए. देखिए Abp News के खास शो Punchnama के वीडियो रिपोर्ट में.