उद्धव ठाकरे के हाथ में आई सत्ता और पार्टी शिवसेना की इस वक्त जो दुर्गति हो रही है उसको लेकर सवाल यही खड़े हो रहे हैं कि क्या बाला साहेब ठाकरे जिंदा होते तो क्या ऐसा कुछ हुआ होता? सवाल ये भी है कि उद्धव बाल ठाकरे की जिस विरासत की बात कर रहे हैं क्या उस विरासत से वो खुद ही दूर नहीं चले गए?