एकनाथ शिंदे शिवसेना की सबसे कमजोर कड़ी निकले। उन्हें ठाणे में मजबूत पकड वाला नेता माना जाता है। एकनाथ शिंदे का सफर फर्श से अर्श का रहा है। एकनाथ शिंदे ने कभी रिक्शा चलाया था और मजदूरी की थी। लेकिन एक बार ठाणे में शिवसेना के क्षत्रप आनंद दीघे से मिले तो दोनों को लग गया कि ये रिश्ता तो गुरु शिष्य का है। तब से अब तक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के लिए और खासकर शिवसेना के लिए बेहद जाना पहचाना नाम हैं। उनकी बगावत ने महाअघाड़ी सरकार के पैरों तले से बहुमत की जमीन खिसका दी है। आखिर शिवसेना से तीस साल पुराना नाता तोड़कर शिंदे ने विद्रोह का बिगुल क्यों बजाया। इसको समझते हैं।