वायर्ड मैग़ज़ीन ने बीते गुरुवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक अंतरराष्ट्रीय साइबर सिक्योरिटी फ़र्म सेंटिनेलवन ने अपनी जांच में यह दावा किया है कि भीमा कोरेगांव के अभियुक्तों के सिस्टम हैक करके उनमें कथित तौर पर सबूत प्लांट किये गए थे. आपको बता दें की, HW न्यूज़ स्वतंत्र रूप से साइबर सुरक्षा फ़र्म और वायर्ड पत्रिका के लगाए आरोपों की पुष्टि नहीं करता है.
इस रिपोर्ट में रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुणे पुलिस कथित रूप से साल 2018 के भीमा कोरेगांव केस के अभियुक्तों को निशाना बनाने वाले हैकिंग कैंपेन में शामिल थी.
वायर्ड पत्रिका ने गुरुवार को बताया कि सेंटिनेलवन नाम की अमेरिका की साबर सुरक्षा फ़र्म ने अपनी पड़ताल में पाया है कि पुणे ने इस मामले के अभियुक्तों रोना विल्सन और वरवर राव के कंप्यूटरों को हैक किया और ख़ुद सबूत प्लांट किये. जिसके आधार पर उनकी गिरफ़्तारियां हुईं.
पिछले साल, फ़ोरेंसिक डिपार्टमेंट के विश्लेषकों ने दावा किया था कि अभियुक्तों के कंप्यूटर से छेड़छाड़ हुई थी.
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