आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए डुगडुगी तो पहले ही बज गई थी....रण सज गया था...लेकिन सपा को इंतजार था आजम खान का...और जब वो उपचुनाव के भंवर से सपा को उबारने के लिए आजमगढ़ पहुंचे...तो मानो सपा की प्रतीक्षा खत्म हो गई थी....मंच पर खड़े होकर सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव के लिए वोट मांगे...लेकिन जुबां पर 27 महीने का वो दर्द बाकी रहा