सरकारी प्राइमरी स्कूलों को लेकर यह कहा जाता है यहां पढ़ाई के अलावा सब कुछ होता है।गिरते पढ़ाई के स्तर को देख अभिभावक अपने बच्चों का स्कूल सरकारी प्राइमरी स्कूलों से कटा कर निजी नर्सरी स्कूलों में लिखवाने लगे।मगर बदली परिस्थितियों में अब सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों