केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पांच जजों की पीठ ने इसे जरूरी माना था। इसके बाद बुधवार को अचानक केंद्र ने इस मामले पर यू-टर्न लिया और शीर्ष अदालत में कहा कि वह इस कानून को समाप्त करने के पक्ष में नहीं है