रविरार का दिन इमरान खान की सियासी किस्मत तय करने का दिन था. विपक्ष को उम्मीद थी अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के बाद इमरान प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे. लेकिन इमरान ने वो किया जिसका किसी को भी अंदाजा नहीं था. इमरान संसद भवन ही नहीं पहुंचे. इमरान सरकार के मंत्री ने अपनी दलील दी और और डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर अनुच्छेद 5 के तहत अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जिसके बाद पाकिस्तान में सियासी बवाल मचा हुआ है.