भरतपुर . आबादी के बोझ से रीत रहे जलस्रोतों के बीच चम्बल फिर से भरतपुर के लिए तारणहार बनेगी। अब भी चम्बल नदी के पानी से जिले की प्यास बुझ रही है, लेकिन भविष्य का कंठ तर करने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। अब वर्ष 2054 को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने एक खाका तैयार किया है, जिसस