अपने चुनाव घोषणापत्र में संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा कर अब गहलोत सरकार खुद अपने ही वादे से मुकर गई है। इस मामले में खुद शिक्षा मंत्री ने सदन में अपना जवाब दिया है कि लोक जुंबिश, और पेराटीचरों को नियमित करने की कोई परंपरा नहीं है जिसको लेकर निर्दलीय विधायक और