Cabinet minister Swami Prasad Maurya broke ties with the BJP and joined the SP. Maurya is counted among the big OBC leaders of UP. Joining the SP on behalf of Swami Prasad Maurya before the assembly elections will definitely prove to be a win-win deal for Akhilesh Yadav and the party.
कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी से नाता तोड़कर सपा का दामन थाम लिया था.मौर्य की गिनती यूपी के बड़े ओबीसी नेता में की जाती है. विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से सपा का दामन थामना निश्चित रूप अखिलेश यादव और पार्टी के लिए फायदे का सौदा साबित होगा.सपा चीफ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव नॉन-यादव ओबीसी वोटरों पर इस बार के चुनाव में अपनी पकड़ और ज्यादा मजबूत करना चाहते हैं.ऐसे में बीजेपी से टूटकर आए कद्दावर नेता और ओबीसी का बड़ा चेहरा मौर्य सपा और अखिलेश के लिए इन वोटरों के हिसाब से रामबाण साबित हो सकते हैं.और यह बीजेपी के लिए खतरे की घंटी साबित होगा.
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