Karnatka के बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ईएसआई (ESI) Hospital में दो शव मिले हैं लेकिन यह शव तुरंत किसी की हुई मौत के नहीं है बल्कि बड़ी लापरवाही का नतीजा है और कोरोना समय का है। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना कोरोना काल में हुई मौत का शव अब तक रखा है। आइए आपको बताते हैं पूरी खबर, दरअसल बेंगलुरु की रहने वाली दुर्गा की मौत कोरोना की पहली लहर में 5 जुलाई को हो गई थी क्योंकि उस वक्त कोरोना मरीजों के शव परिजनों को नहीं सौंपा जा रहे थे इसलिए उनकी बेटी ने सोचा कि उनकी मां का अंतिम संस्कार अच्छी तरह से हो चुका है लेकिन आज 500 दिन बीतने के बाद भी दुर्गा का शव क्षत-विक्षत हालत में अस्पताल के शवगृह से मिला है।