चर्चा के 92वें संस्करण में कई महत्वपूर्ण घटनाओं पर बहस हुई. ज्यादातर राजनीतिक घटनाक्रम ही देखने को मिला. महाराष्ट्र में चल रहा राजनीतिक घटनाक्रम इस सप्ताह थमता नजर आ रहा है लेकिन वहां कई सारे उतार चढ़ाव देखने को मिले. मसलन आधी रात को राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया. उसके बाद सुबह-सुबह देवेन्द्र फडणवीस की ताजपोशी हुई. उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बना दिया गया. फिर तीन दिन बाद उनका इस्तीफा हुआ. अब जो सूरत है उसमें तीन बड़ी पार्टियां एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना मिलकर सरकार बना चुकी हैं. यह पहली बार होगा जब ठाकरे परिवार से कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बनेगा.
इसके अलावा अजित पवार जो कि शरद पवार के भतीजे हैं, उन्होंने जिस तरह अपने परिवार के खिलाफ पाला बदला और फिर वापस शरद पवार के खेमे में आ गए उसने भी कई तरह के सवालों को जन्म दिया है. बीते सप्ताह लोकसभा के सत्र के दौरान भोपाल की सांसद मालेगांव विस्फोट की अभियुक्त प्रज्ञा ठाकुर पर एक बार फिर नाथूराम गोडसे को देश भक्त बताने का आरोप लगा. इससे एक राजनीतिक विवाद की स्थिति पैदा हो गई. इसके अलावा एक और बड़ी घटना इलेक्टोरल बांड को लेकर हुई. आपने हिंदी में न्यूज़लॉन्ड्री पर छह हिस्सों की श्रृंखला में पढ़ा कि किस तरह से मनमाने ढंग से इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था लागू हुई. इस पूरी सीरिज़ को लेकर अब कई सारी चीजें हमारे सामने है. मसलन प्रधानमंत्री और रेलमंत्री पियूष गोयल का बयान हमारे सामने है.
इस सप्ताह चर्चा में लेखक शांतनु गुप्ता और वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र कुमार शामिल हुए. चर्चा का संचालन ल्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
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