देहरादून, 1 नवंबर। चुनावी साल में देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड की भाजपा सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनने जा रही है। एक तरफ जहां चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने वाले हैं दूसरी तरफ तीर्थ पुरोहितों का विरोध तेज हो रहा है। इसका प्रमुख कारण प्रदेश सरकार की डेडलाइन का पूरा होना है जो कि 31 अक्टूबर को पूरी हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीर्थ पुरोहितों को 31 अक्टूबर तक का समय मांगा है। लेकिन डेडलाइन गुजरजाने के बाद भी देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं हुआ है। अब तीर्थ पुरोहितों ने चारों धामों में पूजा पाठ बंद कर देवस्थानम बोर्ड का जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है। सोमवार को केदारनाथ में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का पुरोहितों ने जमकर विरोध किया। पुरोहितों ने रास्ते में लेटकर त्रिवेंद्र रावत को मंदिर के दर्शन करने नहीं जाने दिया। इधर गंगोत्री में पुरोहितों ने धाम में रैली निकालकर बाजार बंद रखा। बता दें कि 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी केदारनाथ धाम पहुंचने वाले हैं। ऐसे में भाजपा सरकार के लिए आने वाले दिनों में मुसीबतें खड़ी हो सकती है।