BSP और Mayawati के लिए क्यों मुश्किल है ब्राह्मण वोट को सपा और अति-दलितों को BJP में जाने से रोकना

Jansatta 2021-09-22

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UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में ब्राह्मण मतदाता (Brahmin Voter) तुरूप का इक्का साबित हो सकता है। ये बात सभी राजनीतिक दल (Political Party) अच्छी तरह से समझते हैं। खासकर बीएसपी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati), जो कि ब्राह्मण-दलित वोटों की सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering) करके 2007 में यूपी की सत्ता का स्वाद चख चुकी हैं. 2012 में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) - मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की सपा और 2017 में बीजेपी भी ब्राह्मण वोटों की अहमियत समझ चुकी है। लिहाजा सीएम योगी (CM Yogi) से लेकर पीएम मोदी (PM Modi) और मायावती से लेकर कांग्रेस की प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) तक, पंडित वोटर को रिझाना हर पार्टी की जरूरत भी है और मजबूरी भी....यही बात बसपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है क्योंकि 2022 में ब्राह्मण – जाटव (Jatav) वोटबैंक (Vote Bank) को साथ मिलाकर सर्वजन की गाड़ी चलाना आसान नहीं होगा। क्या है बीएसपी के सामने चुनौतियां जानते हैं जनसत्ता की इस खास रिपोर्ट में.

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