The ten-day Ganeshotsav will end on September 1 with 'Anant Chaturdashi', as much gaiety and joy as people get on Bappa's arrival, there is more sorrow on Bappa's departure, but there is a law of law, whoever comes will go. Therefore, this day is also celebrated in a grand manner. By the way, this time due to the corona epidemic, people were allowed to establish the idol of Ganpati at home, in such a situation, Bappa will be immersed in the house itself.
दस दिनी गणेशोत्सव का समापन 1 सितंबर को 'अनंत चतुर्दशी' के साथ होगा, जितना उल्लास और खुशी लोगों को बप्पा के आगमन पर होती है, उससे कहीं ज्यादा गम बप्पा के जाने पर होता है, लेकिन विधि का विधान है, जो आएगा वो जाएगा इसलिए इस दिन को भी काफी भव्य रूप से मनाया जाता है। वैसे इस बार कोरोना महामारी की वजह से घर में ही लोगों को गणपति की मूर्ती की स्थापना करने की अनुमति दी गई थी, ऐसे में घर में ही बप्पा का विसर्जन किया जाएगा।
#GaneshVisarjan2021