Radha Ashtami Date 2021: The Ashtami date of Shukla Paksha of Bhado month is considered very special in Sanatan Dharma. According to Hindu scriptures, on this day Radha Rani, the beloved of Lord Shri Krishna, was born. This date is also known as Radha Ashtami or Radhashtami. Radhashtami falls exactly 15 days after Janmashtami. Just as Shyam is incomplete without Radha, in the same way the fast of Janmashtami is incomplete without the fast of Radha Ashtami. According to the beliefs, the devotee who observes fast on Radhashtami and worships Radha-Krishna according to the rituals, gets the full benefit of Janmashtami fasting. It is said that the people who observe fast on Radhashtami never lack money and grains. With this, every wish sought from Radha Rani is fulfilled on this day. It is said that worshiping Radha Rani on this day ends all the troubles in life. Shri Radha-Krishna, whose presiding deity is there, must observe Radhashtami fast because this fast is the best. Shri Radhaji is omnipotent and opulent. Lakshmiji always resides in the house of his devotees. Those devotees who observe this fast, where all the wishes of those seekers are fulfilled, a person gets all the happiness. On this day every wish asked from Radhaji is fulfilled.
Radha Ashtami Date 2021: भादो मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि सनातन धर्म में बेहद विशेष मानी गई है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान श्री कृष्ण की प्रियतमा राधा रानी का जन्म हुआ था। इस तिथि को राधा अष्टमी या राधाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। जन्माष्टमी से ठीक 15 दिन बाद राधाष्टमी पड़ती है। जैसे राधा के बिना श्याम अधूरे हैं, ठीक वैसे ही राधा अष्टमी के व्रत के बिना जन्माष्टमी का व्रत अधूरा है। मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त राधाष्टमी पर व्रत रखता है तथा विधि अनुसार राधा-कृष्ण की पूजा-उपासना करता है, उसे जन्माष्टमी के व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। ऐसा कहा जाता है कि राधाष्टमी पर व्रत रखने वाले जातकों को कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। इसके साथ इस दिन राधा रानी से मांगी गई हर एक मुराद पूरी होती है। यह कहा जाता है कि इस दिन राधा रानी की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं । श्री राधा-कृष्ण जिनके इष्टदेव हैं, उन्हें राधाष्टमी का व्रत अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह व्रत श्रेष्ठ है। श्री राधाजी सर्वतीर्थमयी एवं ऐश्वर्यमयी हैं। इनके भक्तों के घर में सदा ही लक्ष्मीजी का वास रहता है। जो भक्त यह व्रत करते हैं उन साधकों की जहां सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन राधाजी से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
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