हेलो अंजलि मैं मंदिर पहुंच चुकी हूँ , मैं तुम्हे अपनी लोकेशन सेंड करती हूँ, तुम मेरे पीछे में आजाओ, शालिनी को बच्चपन से ही सिंगर बनने का बड़ा शौख था, लेकिन छोटे गांव के होने के वजह से उसके माँ बाप ने ने इतना बड़ा सपना देखने ही नहीं दिया, गांव में जब उसके पिताजी उसके शादी तय कर देते है तो, वो किसी तरह भागकर मुंबई आ जाती है, अपना सपना पूरा करने के लिए, अनजान शहर अनजान लोग, शालिनी मुंबई में अपने दोस्त अंजलि के शिवा किसी को नहीं जानती थी, वो अंजलि के घर पे पहुँचती है, मैं क्या करती मेरे पास और कोई रास्ता ही नहीं था, अगर मैं वह से नहीं भगति तो वो मेरी शादी दशवी पास रमेश से करवा देती, मैं समझ सकती हूँ, लेकिन तुमने सोचा की इतनी बड़ी शहर में तुम क्या करोगी, ---- और अधिक पूरी कहानी पढ़ने के लिए वीडियो लिंक पे क्लिक करे...