उत्तरी मध्यप्रदेश में आसमान से बरसा पानी आफत के सैलाब में बदल गया। कुछ ही दिनों में हजारों गांव तबाह हो गए, बाढ़ का पानी उतरने के बाद यहाँ के रहवासी अब सरकारी मदद की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन उनकी बेबसी पर भी राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी रोटी सेंकने का मौका ढूं रही हैं, बीजेपी और कांग्रेस राहत के रूप में बस आश्वासन का मरहम और एक दूसरे पर आरोपों की रसद ही पीड़ितों को दे पा रही हैं। तो देखिए नेताओं के संवेदनशून्यता की हकीकत इस रिपोर्ट में...