असम में एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में बोलते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को दुनिया से धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं है। यह हमारी परंपराओं में है, हमारे खून में है और हमारे देश ने इन्हें लागू किया है और जीवित भी रखा है।