RLD सपा गठजोड़ का कमाल II कुनबे को मिल रहा है विस्तार II बीजेपी हो रही है तड़ीपार !

Media Halchal News 2021-06-24

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RLD और सपा का गठजोड़ कर रहा पश्चिम में कमाल !
कद्दावर नेता अब थाम रहे गठबंधन साथियों का हाथ !
RLD के साथ तमाम दिग्गज नेता देख रहे सियासी भविष्य !
पश्चिमी यूपी में बीजेपी को आवाम कर रही तड़ीपार !
देखिए बदलते सियासी हालात क्या देते हैं संकेत !
क्या है सपा और RLD के बारे में अब आवाम की राय ?

2017 का विधानसभा चुनाव जब हुआ तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कमल का कमाल देखने को मिला…एक तरफ से बीजेपी ने विरोधी दलों का सूफड़ा साफ कर दिया था…पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे मजबूत पार्टी RLD भी विफलता के कारण कमजोर साबित हुई थी और सपा के साथ भी स्थिति कुछ ऐसी ही दिखी लेकिन अब जो बीजेपी बंपर जीत के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इतरा रही थी…हालात बदलते ही अब बीजेपी का हाजमा खराब दिख रहा है जहां RLD सपा गठजोड़ का कमाल दिख रहा है तो वहीं अब 2017 में बंपर जीतने वाली बीजेपी तड़ीपार दिख रही है और बदले सियासी हालात अब नए सियासी समीकरणों का संकेत दे रहे हैं….कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के बाद RLD नेताओं की सक्रियता बढ़ी तो इसका असर दिखना भी शुरू हो गया…किसान आंदोलन की शुरुआत में जयंत चौधरी की ताबड़तोड़ रैलियों से पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ…जिला पंचायत चुनाव में मिले जनसमर्थन ने इस ऊर्जा को और बढ़ा दिया…थानाभवन सीट पर 2007 में राव अब्दुल वारिस के बाद जिले में RLD का कोई विधायक नहीं बना…बीते दो विधानसभा चुनाव RLD के लिए सूखे रहे…2018 में कैराना लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में RLD के सिंबल पर तबस्सुम हसन ने जीत दर्ज की थी लेकिन ये सपा-RLD के गठबंधन का कमाल था…करीब सात महीने पहले शुरू हुए किसान आंदोलन में चौ. अजित सिंह की सक्रियता का लाभ RLD को  मिलना शुरू हो गया था…किसान आंदोलन में रालोद ने आगे बढ़कर काम किया…इसी का नतीजा है कि जिला पंचायत चुनाव में RLD के समर्थन से पांच सदस्य जीतकर आए हैं…जबकि सत्ताधारी बीजेपी समर्थित सदस्यों की संख्या चार ही रह गई… RLD के साथ मिले सपा के दो और निर्दलीय सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी RLD-सपा गठबंधन के उम्मीदवार की स्थिति को मजबूत कर दिया है…कोरोना संक्रमण काल में पार्टी प्रमुख चौधरी अजित सिंह के निधन से पार्टी को झटका जरूर लगा लेकिन अब कमान जयंत चौधरी के हाथों में है…किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश में RLD की स्थिति मजबूत होती देख दूसरे दलों के नेताओं का रुख भी अब RLD की तरफ होने लगा है…इस झुकाव के पीछे नेताओं को ये उम्मीद है कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी…सपा नेता उमेश कुमार RLD में शामिल होकर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े और जीत हासिल की…जिला पंचायत सदस्य बबली के पति राकेश ने भी कुछ दिनों पहले RLD की सदस्यता ली थी…इसके अलावा महिला आयोग की सदस्य रहीं प्रियंवदा तोमर भी RLD में शामिल हो चुकी हैं…जिला पंचायत अध्यक्ष संतोष देवी के पति प्रसन्न चौधरी के बाद अब पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस ने भी RLD का दामन थाम लिया है… RLD रालोद जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन कहते हैं कि RLD सर्वसमाज की पार्टी है…किसान आंदोलन में पार्टी प्रमुख स्व. चौधरी अजित सिंह और जयंत चौधरी ने आगे बढ़कर किसानों की आवाज को बुलंद किया…केंद्र और प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों से हर वर्ग परेशान है…इसलिए RLD में जनता का विश्वास बढ़ा है…कुछ नेता जो दूसरे दलों में चले गए थे वे घर वापसी कर रहे हैं…नए लोग भी पार्टी से जुड़ रहे हैं…अभी और भी कई नेता संपर्क में हैं… RLD का परिवार लगातार बढ़ रहा है औ

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