हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री व्रत और कुछ जगहों पर ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट पूर्णिमा व्रत करने की परंपरा है। विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करती हैं। वहीं अनेक स्थानों पर यह व्रत ज्येष्ठ अमावस्या के दिन से लेकर ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि तक किया जाता है। कहा जाता है कि वट वृक्ष का पूजन करके ही सावित्री ने सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। इसलिए तभी से पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत का विधान प्रारंभ हो गया था। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं वट पूर्णिमा व्रत साल 2021 में कब है। पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या होगी।
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