अलीगढ़ की इगलास विधानसभा का सियासी हाल
RLD के गढ़ में देखिए किसका बजेगा अब डंका
क्या सपा+ RLD के गठजोड़ का फॉर्मूला होगा सफल ?
क्या कांग्रेस को मिलेगी इगलास में फिर से जीत ?
क्या बीएसपी खोल पाएगी इगलास सीट पर खाता ?
क्या बीजेपी कर पाएगी मिशन रिपीट का सपना पूरा ?
अलीगढ़ की इगलास विधानसभा पर सियासी दस्तरखान सज चुका है…आवाम के सामने वादों की थाली सजाकर सियासी दल पहुंच रहे हैं और अपने-अपने पाले में लाने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं…लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो जनता बारीकी से हर गतिविधी को देख रही है और मन ही मन बड़ा फैसला कर बैठी है…जानेगे कि इस सीट पर किसकी बादशाहत रही है और आगे कौन जीतेगा लेकिन पहले सियासी इतिहास पर नजर डाल लेते हैं…
इगलास सीट पर पिछले 4 विधानसभा चुनावों में नतीजे अलग रहे
RLD ने इस सीट पर 2 बार लगातार जीत दर्ज कर इतिहास रचा है
जबकि एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी को यहां से जीत मिली है
2002 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विजेंद्र सिंह जीते थे
बीएसपी के नरेंद्र कुमार दीक्षित यहां 2002 में दूसरे स्थान पर थे
2002 में बीजेपी के चौधरी मलखान सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे
जबकि समाजवादी पार्टी के संजय सिंह चौथे स्थान पर रहे थे
2007 विधानसभा चुनावों में RLD ने इगलास सीट पर कब्जा जमाया था
RLD के बिमलेश सिंह ने बीएसपी के मुकुल उपाध्याय को हराया था
2007 में बीएसपी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी
जबकि 2007 में समाजवादी पार्टी के दिलीप सिंह चौथे स्थान पर रहे थे
2012 विधानसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार RLD ने जीत दर्ज की
2012 में RLD के त्रिलोकी राम ने बीएसपी के राजेंद्र कुमार को हराया था
2012 में सपा की लहर के बाद भी तीसरे स्थान पर सपा के कन्हैया लाल रहे थे
जबकि चौथे स्थान 2012 में बीजेपी की उम्मीदवार रामसखी रही थीं
2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर का असर यहां देखने को मिला
इगलास सीट पर 2017 में बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की
2017 में इगलास सीट पर फिर से बीएसपी दूसरे नंबर पर ही काबिज रही
इगलास सीट पर मायावती की पार्टी हर बार कड़ी टक्कर देती है और उपविजेता बनती है लेकिन जीत हमेशा किसी और के ही हिस्से में जाती है…2017 में बीजेपी ने जीत भले ही दर्ज की हो लेकिन इस बार समीकरण बदले दिख रहे हैं और RLD सपा गठजोड़ अगर होता है तो इसे बड़ी मजबूती मिलती दिख रही है…ऐसे में आइए जानते हैं कि वो कौन से मुद्दे हैं जो इस बार निर्णायक साबित होंगे…और किसके पक्ष में होंगे…
RLD प्रमुख अजीत सिंह के निधन से इगलास में सिंपथी लहर है
जिसका फायदा अगर RLD अकेले दम पर भी लड़े तो उसे मिलेगा
लेकिन सपा और RLD साथ में चुनाव लड़ सकते हैं
इसलिए गठबंधन में जिसे भी ये सीट मिलेगी वो जीत दर्ज कर सकता है
लेकिन बीजेपी और बीएसपी भी कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार दिख रहे हैं
किसानों का मुद्दा RLD ने पूरे अलीगढ़ में जमकर उछाला हुआ है
किसानों के साथ-साथ कोरोना की बदहाली भी अहम मुद्दा है
आवाम इन दोनों मुद्दों के अलावा बेरोजगारी पर भी नाराज दिख रही है
ऐसे में कानून व्यवस्था भी एक बड़ा मुद्दा इगलास सीट पर है
आवाम के मन में विरोधी लहर तो साफ दिख रही है
लेकिन ये विरोध वोट बैंक बनेगा या नहीं वो मतदान के बाद पता चलेगा
इगलास सीट के सियासी फैक्टर देखें तो गठजोड़ का फॉर्मूला हिट हो सकता है लेकिन इसे सुपर हिट करवाने के लिए RLD और सपा को थोड़ी और मेहनत करनी होगी…आवाम फिलहाल बीजेपी से तो खफा है ही साथ ही बीएसपी और कांग्रेस भी कमजोरी का शिकार हैं…ऐसे में मुकाबला गठजोड़ vs ब