बायोपिक पर फिल्में बनने का जो सिलसिला कुछ अर्सा पहले ज़ोरों पर था, ये फिल्म उसी
सिलसिले की कड़ी लगती है, ख़ासतौर पर सुपर 30 के आनंद कुमार के बाद गणित जैसे
विषय पर आने वाली यह दूसरी बायोपिक है, वह भी ह्यूमन कंप्यूटर शकुंतला देवी के जीवन
पर आधारित, जिन्हें अपने जीते-जी पाई गई उपलब्धियों के लिए गिनीज़ बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड
का आधिकारिक प्रमाण पत्र मरणोपरांत मिला, जिसे शकुंतला देवी की बेटी को सौंपा गया
था। अपने जीते-जी ज़िंदा मिसाल बन गई शकुंतला देवी महज गणित की माहिर नहीं थीं,
बल्कि एक ऐसी विचारक भी थीं, जो समय से आगे सोचने की हिम्मत रखती थी।
होमोसेक्सुअलेटी जैसे विषय पर लिखी उनकी किताब – द वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल्स- को
भारत में होमोसेक्सुअलेटी पर पहली सर्वश्रेष्ठ स्टडी और गंभीर चिंतन के तौर पर लिया
जाता है। इसके अलावा भी उन्होंने कई और किताबें लिखी थीं, जिनमें नॉवेल, गणित पर
आधारित किताबें, पज़ल्स और कुक बुक्स शामिल रहीं।