अपने आपको सबसे तेज या सबसे आगे कहने वाले न्यूज़ चैनलों ने किसान आंदोलन को जिस तरह 'कवर' किया है, उस पर देश-विदेश तक सवाल उठाये जा रहे हैं. बीते कुछ दिनों का कवरेज़ कई कारणों से सवालों के घेरे मे है. ये कथित न्यूज़ चैनल खबर के धंधे में हैं या ये सत्ताधारियों के महज प्रोपगेन्डा-उपकरण हैं ?
26 जनवरी से लेकर अब तक के टीवी चैनलों के कवरेज़ पर वरिष्ठ पत्रकार Harvir Singh और Sheetal P Singh से चर्चा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh.