दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वैज्ञानिक वैक्सीन के बाद अब कोविड-19 की दवा की खोज में लगे हुए हैं। इस दिशा में वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी मिलती दिख ही रही थी कि इसमें भी एक अड़चन आ गई है। पिछले दिनों फ्रंट लाइन कोविड-19 क्रिटिकल केयर अलायंस (एफएलसीसीसी) के नेतृत्व में एक अध्ययन की समीक्षा के दौरान वैज्ञानिकों ने 'आइवरमेक्टिन' नामक दवा को कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ बेहद प्रभावी बताया था। इतना ही नहीं इसी आधार पर गोवा सरकार ने सोमवार को राज्य में दवा के इस्तेमाल को मंजूरी भी दे दी थी।हालांकि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस दवा के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। आइए जानते हैं वैज्ञानिक जिस दवा को इतना असरदार मान रहे थे, उसे लेकर डब्ल्यूएचओ का ऐसा रुख क्यों है?
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