भोपाल: जेपी अस्पताल में आज एक युवक की मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। बताया जा रहा है कि परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उधर मौत की खबर की सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और पूर्व पार्षद गुड्डू चौहान मौके पर पहुंचे। परिजनों ने मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है। वही जे पी अस्पताल के डॉक्टर के साथ बत्तमीज़ी होने पर सीनियर डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव (एमडी) सदमे में है और उन्होंने शासकीय सेवा से इस्तीफ़ा दे दिया है। पूरा स्टाफ इस घटना के विरुद्ध में हड़ताल पर जा सकता है। आज कुछ नेता जी लोगों ने जेपी हॉस्पिटल में पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया। अस्पताल में हंगामा कर डॉक्टरों को धमकाया और आम जनता को परेशान भीं किया। जे पी अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल बन गया। लॉक डाउन के नियम केवल आम जनता के लिए है नेताओं ने कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले रखा है। उनको घर से बिना कारण निकलने की अनुमति दी गई थी या फिर हंगामा करने के लिए सक्षम अधिकारी से लिखित में अनुमति ली थी। क्या कलेक्टर धारा 188 में कानूनी कार्रवाई करेंगे। कुछ लोगो के लिए राजनीति जरूरी है। मानवता से इनका कोई नाता नहीं है जब पूरा प्रदेश कोरोना महामारी से लड़ रहा है। तब कुछ लोगो को अपनी राजनैतिक रोटियां सेकना ज्यादा फायदेमंद दिख रहा है। डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ जहा लोगो की जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है वही कुछ नेता अपनी राजनैतिक अंकक्षाओ को परवान चढ़ा रहे है। आज के इस परिदृश्य में मानवता और नैतिकता को एक तरफ रखकर नेता जी डॉक्टरों और अन्य सेवा स्टाफ को धमका रहे है। जयप्रकाश चिकित्सालय में संदिग्ध तबस्सीम साक्या मरीज की मौत मामले में मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। दुर्व्यवहार के बाद डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव बोले ऐसी परिस्थिति में अब सेवाएं नहीं दे सकते। डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मरीज का ऑक्सीजन सेचुरेशन 32 फीसदी था सुगर 223। मरीज की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी।