प्रभु श्रीराम की भक्ति में लीन हुई मुस्लिम महिला साहित्यकार,,रामकथा का उर्दू में किया तर्जुमा

Amar Ujala 2021-03-26

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हे राम तेरे नाम को हर नाम पुकारे, बंदा ये तेरा पल-पल तेरी राह निहारे प्रभु श्रीराम के प्रति ये आस्था व्यक्त करती ये लाइनें किसी हिंदू कवि की नहीं बल्कि

मुस्लिम महिला साहित्यकार डॉक्टर माहे तिलत सिद्दीकी की गजल का हिस्सा हैैं जिसमें गजल व नज्मों से प्रभु श्रीराम की अकीदत के साथ उन्होंने पुस्तक

रामकथा और मुस्लिम साहित्यकार समग्र' का उर्दू तर्जुमा यानी अनुवाद किया है ताकि मुस्लिम भी प्रभु श्रीराम के कृतित्व-व्यक्तित्व से रूबरू हो सकें ।इस

पुस्तक में मुस्लिम Sahityakaro ने रचनाओं से श्रीराम को नमन किया है । Dr Siddiqui कहती हैैं कि भाषा-कलम का कोई मजहब नहीं और सच्चे

साहित्यकार की आंखों पर मजहबी चश्मा नहीं होता।

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