टाइगर की मौत के बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

Bulletin 2021-03-02

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लखीमपुर : दक्षिण खीरी वन क्षेत्र में सोमवार को बिजली लगने से हुई टाइगर की मौत ने कई सावल खड़े कर दिये हैं। जंगल के किनारे खेतों में विशेष रूप से तार लगाकर उनमें बिजली का करंट दौड़ाया गया लेकिन वन विभाग इससे अंजान कैसे रहा। बाघ की मौत के बाद जिम्मेदारों की नींद टूटी है।आंवला जंगल के किनारे मकसूदाबाद गांव के पास खेतों में सोमवार को टाइगर का शव बरामद होने के बाद कई सवाल उठ रहे है। बिजली लगने से टाइगर की मौत की आशंका है। लेकिन खेतों में लगे तारों में करंट फैलाने के पीछे शिकार की मंशा साफ दिखाई देती है। ग्रामीणों का भी मानना है कि काफी दिनों से बिजली के करेंट से जंगली जानवरों का शिकार किया जाता था। खेतों में विशेष रूप से तार लगाकर बिजली का करंट दिया गया था। तारों तक बिजली पहुंचाने के लिए करीब तीन सौ मीटर दूर निकली बिजली लाइन का सहारा लिया गया। अब तक कितने जानवरों का शिकार हुआ ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब वन विभाग के पास नहीं है। टाइगर की मौत के बाद हरकत में आये वन विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बाघों संग हादसे या हत्या के बाद ही टूटती हैं अफसरों की नींद। 

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