कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक में लोग श्रद्धा की डुबकी लगा रहे है तो यही यहां संस्कृति ग्राम का निर्माण भी यहां किया गया है। संस्कृति ग्राम में ब्रज की संस्कृति और सभयता के साथ भगवान कृष्ण की अलौकिक लीलाओं को भी यहां दर्शाया गया है। यहां भगवान कृष्ण से जुड़ी उन बाल लीलाओं को दर्शाया गया है जो लीलाएं भगवान कृष्ण ने बाल रूप में यहां की इसके साथ-साथ मथुरा के रखी पौराणिक मूर्तिकला और ब्रज की अन्य लीलाओं को भी यहां प्रदर्शित किया गया गया।
बसंत पंचमी से शुरू हुए कुम्भ पूर्व वैष्णव बैठक मेला अब गति पकड़ने लगा है। धर्म नगरी में दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु अब कुम्भ मेला की तरफ़ अपना रुक करते नजर आ रहे है। वही कुम्भ मेला धीरे-धीरे चरम पर दिख रहा है। यहाँ आने बालों के लिए मेला प्रांगण में बना संस्कृति ग्राम लोगों को ख़ूब भा रहा है। संस्कृति ग्राम में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की झलक के साथ-साथ मथुरा के इतिहास की भी प्रदर्शनी लगाई गई हैं। यह प्रदर्शनी मथुरा संग्रहालय के द्वारा लगाई गई हैं और यहां आने वाले हर व्यक्ति को मथुरा से संबंधित इतिहास के बारे में जानकारी संग्रहालय के कर्मचारी दे रहे हैं। यहां आने वाले हर श्रद्धालु को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं से जुड़ी प्रदर्शनी और संग्रहालय से लाई गई प्रदर्शनी भी अपनी ओर आकर्षित करती दिख रही हैं। दूरदराज से आए श्रद्धालु संस्कृति ग्राम में पहुंचकर मथुरा की सभ्यता और यहां के इतिहास के बारे में जानने को उत्सुक नजर आ रहे हैं।
आगरा से आए डॉ अंजेश मित्तल और पंचकूला से आए चतुर्भुज बंसल ने कहा कि यहां की जो व्यवस्थाएं हैं बहुत ही अच्छी हैं। संग्रहालय के द्वारा जो प्रदर्शनी लगाई गई है। इतिहास के बारे में हम अधिक से अधिक बच्चों को बताएं। आजकल के बच्चे मोबाइल में व्यस्त अधिक दिखाई देते हैं और उन्हें अपनी संस्कृति से कोई मोह नहीं रहा। बच्चों को अच्छी शिक्षा अगर देनी है तो उन्हें अपनी संस्कृति के बारे में बताना होगा।
दिल्ली से कुंभ घूमने आए रेनू शर्मा नाम की महिला श्रद्धालुओं ने बताया यहां आकर मन को सुकून मिला। संत महात्माओं के कुंभ के जरिए दर्शन भी हुए। उन्होंने बताया कि कुंभ मेले की व्यवस्था बहुत अच्छी है और जिस तरह से संस्कृति ग्राम में भगवान कृष्ण से जुड़ी हुई लीलाओं को यहां दर्शाया गया है वह भी एक अच्छी पहल है।