आध्यात्मिक चिंत्तन के कल्पवास के लिए बसी रामनगरिया में पंहुचे भानपुरा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज नें कहा कि मनुष्य जाति के लिए सबसे बड़ी ऊंचाई आध्यात्मिक ऊंचाई है | भौतिकता की कोई ऊंचाई नही होती |
शहर कोतवाली क्षेत्र के पांचालघाट गंगा तट पर लगे आध्यात्मिक मेला श्री राम नगरीय में मंगलवार शाम मेलें के प्रशासनिक पांडाल में पंहुचे भानपुरा पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज ने कहा कि किसान को कृषि लाभ, छात्र को शिक्षा का लाभ होता है | लेकिन सबसे बड़ा लाभ आत्मलाभ है | जिससे मनुष्य जाति का हित है | उन्होंने कहा कि जल की चाल हमेशा नीचे की तरफ होती है | उसे बिजली के किसी यंत्र के माध्यम से ऊपर टंकी में भरा जाता है | लेकिन यदि टंकी का नल खुला रहे तो पानी फिर नीचे की तरफ भागेगा | लेकिन उसी में रहने वाली मछली कभी नीचे की तरफ नही भागती वह हमेशा पानी में ऊपर की तरफ तैरती है | वहीं मेढक अपने पीछे पैरों से हमेशा आगे की तरफ चलता है उसी प्रकार मनुष्य को भी हमेशा आगे की तरफ ही बढना चाहिए | उन्होंने कहा कि मनुष्य को सबसे बड़ी ऊंचाई आध्यात्मिक ऊँचाई है | भौतिकता की कोई ऊंचाई नही होती | गाय गंगा के सवाल पर कहा की जल को स्वच्छ रखने का जब स्वयं हर व्यक्ति प्रयास करेगा तभी उसकी पवित्रता टिकाऊ रह सकती है इसको बनाये रखने का प्रयास हर व्यक्ति को अपने आप में रखना अगर वह मनुष्य है और सभी मनुष्य प्राणी को जल स्वच्छता बनाये रखने की कोशिश करनी चाहिए |
इस दौरान बच्चा बाबा, डीडीओ दुर्गादत्त शुक्ला, पूर्व विधायक अरविन्द प्रताप सिंह आदि रहे |