प्रगतिशील पशुपालकों के ग्रुप बनाए जाने के निर्देश
ग्रुप बनाए जाने के विरोध में पशु चिकित्सा कर्मचारी
कहा, बल्क मैसेज भेज कर दी जाए जानकारी
पशुपालन विभाग अब सरकार की ओर से चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी पशुपालकों को व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए प्रदान करेगा। विभाग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों में विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं और उन्हें 5 फरवरी तक जिले के प्रगतिशील पशुपालकों का समूह बनाए जाने के लिए कहा है, लेकिन आदेश जारी होते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। विभागीय कार्मिक ही विभाग के इन आदेशों के विरोध कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों हुई विभाग की समीक्षा बैठक में पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने इस संबंध में निर्देश दिए थे कि सरकार की ओर से संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों के साथ ही एडवाइजरी की जानकारी ग्रामीण इलाके के पशुपालकों को दी जाए। विभाग इसके लिए पशु चिकित्सा संस्था जैसे बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय, प्रथम श्रेणी पशुचिकित्सालय, पशु चिकित्सालय, पशु चिकित्सा उपकेंद्रों पर 200 से 250 प्रगतिशील पशुपालकों को चिह्नित करें और उनका व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाए। इस ग्रुप में विभागीय अधिकारी भी शामिल होंगे जो समय समय पर पशुपालकों को विभागीय एडवाइजरी व कार्यक्रमों का अपडेट देंगे।
विरोध में कर्मचारी, गिनाई वजह
: राजस्थान पशु चिकित्सक संघ ने इसका विरोध किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय सैनी ने कहा कि विभाग ने पशु चिकित्सा उपकेंद्र पर ऑनलाइन कार्य के लिए एंड्राइड डिवाइस और डाटा कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई है। ना ही ऑनलाइन काम के लिए मानदेय का भुगतान किया। ऐसे में उपकेंद्रों पर ऑनलाइन काम करना संभव नहीं है।