In the midst of all the challenges, chaos, Kalpavas will start from Paush Purnima on the confluence of Ganga, Yamuna and the invisible Saraswati on 28 January. On the second bathing festival of Magh Mela, lakhs of devotees will take a dip of faith in Guru Punya Yoga. The Kalpavis will gather supernatural power by wishing for freedom from the bonds of life-death between the global pandemic Corona.
तमाम चुनौतियों, अव्यवस्थाओं के बीच 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा से गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर कल्पवास शुरू हो जाएगा। माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालु गुरु पुण्य योग में आस्था की डुबकी लगाएंगे। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति की कामना लेकर कल्पवासी अलौकिक शक्ति बटोर कर ले जाएंगे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रयाग में कल्पवास करने वाले के लिए स्वर्ग का द्वार खुल जाता है।
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