On Wednesday, the 10th round of talks took place between the farmers' organizations and the central government, but it was also fruitless. In this meeting, the government proposed to the farmers that the law should be stopped for a certain time and a committee should be formed, in which both the government and the farmer, but the farmer organizations did not agree to this proposal. Along with this, an appeal was also made by the government that along with this proposal, you also have to end the movement. There is no way out of the conversation once again And big news of the day.
बुधवार को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत हुई, लेकिन ये भी बेनतीजा रही. सरकार ने इस बैठक में किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक निश्चित समय के लिए कानून पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो, लेकिन किसान संगठन इस प्रस्ताव पर नहीं राजी हुए. साथ ही सरकार की ओर से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा. ऐसे में एक बार फिर बातचीत से कोई रास्ता नहीं निकला. एक बार फिर अगली मीटिंग के लिए तारीख तय की गई है। अब शुक्रवार, 22 जनवरी को किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली बैठक होगी और दिनभर की बड़ी खबरें.
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