Khadi means handspun and handwoven cloth. In 1918 Mahatma Gandhi started his movement for Khadi as relief programme for the poor masses living in India's villages. Spinning and weaving was elevated to an ideology for self-reliance and selfgovernment. There is a village in Ratlam, Madhya Pradesh, where an entire generation wore only Khadi clothes all their lives.
खादी का नाम सुनते ही ज़हन में आजादी का आंदोलन और गांधीजी के चरखे की तस्वीर सामने आ जाती है। वो तस्वीर जिसमें महात्मा गांधी हाथों में सूत लिए खुद चरखा चलाते हुए नज़र आते हैं। ये तो शायद हर एक भारतवासी जानता है कि गांधी, खादी और आजादी एक- दूसरे के पूरक हैं। खादी हमेशा से ही हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक रहा है। लेकिन धीरे-धीरे अब बदलते वक्त के साथ इसने भी फैशन की दुनिया में अपना नाम शुमार कर लिया है। लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम में एक गांव ऐसा है जहां की एक पूरी पीढ़ी ने सारी ज़िंदगी सिर्फ खादी के बने कपड़े ही पहने.
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