उज्जैन। मकरसंक्रांति पर पिता पुत्र के रिश्तों में मधुरता बढ़ाने के उद्देश्य से पिता सूर्य की सवारी निकली। जो पुत्र शनि के नव ग्रह मंदिर में विराजमान हुई।धार्मिक नगरी होने के नाते यहां हर त्योहार को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है और मकर संक्रांति तो अंग्रेजी नववर्ष के हिसाब से साल का सबसे पहला व शास्त्रों के हिसांन से सबसे बड़ा पर्व है आज क्षीप्रा के त्रिवेणी घाट स्त्तिथ शनि नाव ग्रह मंदिर में सूर्य देव की सवारी निकाली गई सवारी को शनि देव के कमरे में विराजमान किया गया *जिसका मुख्य उद्देश्य केवल यह था कि पिता पुत्र शनि सूर्य के रिश्तों में कड़वाहट खत्म हो और मधुरता बड़े और यही संदेश समाज को भी मिले* सवारी मे 51 बटुक ब्राह्मण एवं 11 ब्राह्मणों की उपस्थिति रही, सवारी के बाद मंगल नाथ, महाकाल, शनि मंदिर के पंडितो द्वारा हवन सूर्य शनि के मंत्रो के साथ हो प्रसादी वितरण किया।।