Deepak Marawi, a daily wage laborer, died on 21 December in Bhopal, capital of Madhya Pradesh, under suspicious circumstances. The family alleges that he died due to the corona vaccine. Actually Deepak was a participant in the vaccine trial, but neither the government nor the vaccine manufacturer followed up and told him that he was a trial participant. In fact, 45-year-old Deepak Marawi underwent a trial vaccine of covaxine at Peoples Medical College, Bhopal on December 12, after which he was found dead at his home in Subedar Colony located in Jamalpura, Maravi Tila, which died on December 21.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 21 दिसंबर को एक दिहाड़ी मजदूर दीपक मरावी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. परिवार का आरोप है कि उनकी मौत कोरोना वैक्सीन की वजह से हुई है. दरअसल दीपक वैक्सीन ट्रायल के प्रतिभागी थे लेकिन न तो सरकार और न ही वैक्सीन निर्माता कंपनी ने फॉलोअप किया और न ही उन्हें बताया कि वो ट्रायल प्रतिभागी हैं. दरअसल 45 साल के दीपक मरावी ने 12 दिसंबर को भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाया था जिसके बाद 21 दिसंबर को उसकी मौत गई मरावी टीला जमालपुरा स्थित सूबेदार कॉलोनी में वो अपने घर में मृत पाए गए थे.
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